Jottings Hathras Rape Incident – Poem Sun, 4 Oct 20Wed, 20 Jan 21 3 mins read छोडो मेहँदी खडक संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाये बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जायेंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आयेंगे| कब तक आस लगाओगी…